एक पंछी घरोंदा छोड़ चला,
आज नया घर बनाने ,
अपना ही घरोंदा तोड़ चला.
एक पंछी घरोंदा छोड़ चला ।
ज़िन्दगी के समंदर में ,
अपनी सपनो की नईया ले चला.
एक पंछी घरोंदा छोड़ चला।
कभी रहता था जिस आशियानें में ,
आज नादान उसे पराया बनाने चला.
एक पंछी घरोंदा छोड़ चला.
उड़ना सिखा था , जिनके सहारे
आज उन्ही सहरो को, अकेला छोड़ चला.
एक पंछी घरोंदा छोड़ चला.।
आज नया घर बनाने ,
अपना ही घरोंदा तोड़ चला.
एक पंछी घरोंदा छोड़ चला ।
ज़िन्दगी के समंदर में ,
अपनी सपनो की नईया ले चला.
एक पंछी घरोंदा छोड़ चला।
कभी रहता था जिस आशियानें में ,
आज नादान उसे पराया बनाने चला.
एक पंछी घरोंदा छोड़ चला.
उड़ना सिखा था , जिनके सहारे
आज उन्ही सहरो को, अकेला छोड़ चला.
एक पंछी घरोंदा छोड़ चला.।
kya bat hain...
ReplyDeletethanx bhaiyaa
ReplyDeleteVery touching lines Bade bhai.. :) Thank you, you inspired me putting my lines into blogs.. :)
ReplyDelete