Saturday, March 31, 2012

waqt tu kya hai.

ऐ वक़्त तू   कोन है ,
कभी  मेरा है , कभी पराया है,
कभी याद है, कभी एहसास  है.
 कभी प्यार है, कभी तकरार है ,
कभी साथ है , कभी इंतज़ार है.
ऐ  वक़्त तू क्या है.
     तू कभी आंसू है , कभी ख़ुशी है.
  कभी जीत है , कभी हार है
कभी कहानी है, कभी किस्सा है
आया तो सोच है, बिता तो  याद है.
जैसा भी है जो भी है तू मेरी काहानी
का पूरा हिस्सा है.
ऐ वक़्त तू कोन है.......

ek panchi

एक पंछी घरोंदा  छोड़ चला,
  आज नया घर बनाने ,
अपना ही घरोंदा तोड़ चला.
एक पंछी घरोंदा छोड़ चला ।
  ज़िन्दगी के समंदर में ,
  अपनी सपनो की नईया ले चला.
  एक पंछी घरोंदा छोड़ चला।
     कभी रहता था जिस आशियानें में ,
    आज नादान उसे पराया बनाने चला.
    एक पंछी घरोंदा छोड़ चला.
      उड़ना सिखा था , जिनके सहारे
    आज उन्ही सहरो को, अकेला छोड़ चला.
     एक पंछी घरोंदा छोड़ चला.।